बजरंग बाण: Bajrang Baan Lyrics in Hindi with PDF

बजरंग बाण एक विशेष भक्तिगीत है जो भगवान हनुमानजी के लिए गाया जाता है। यह भक्तिगीत हनुमानजी की शक्ति, भक्ति और आराधना के साथ जुड़ा हुआ है। बजरंग बाण को पुराने गीत से लिया गया है और इसे एक पूर्ण कवच के रूप में भी गाया जाता है। यह तुलसीदास ने लिखा है। यह गीत अवधी भाषा में लिखा गया है और तुलसीदास के हनुमान चालीसा का एक महत्वपूर्ण भाग है।

बजरंग बाण पाठ को बहुत से भक्त इसे शक्तिशाली मंत्र मानते हैं। यह गीत  सुरक्षा और समस्याओं को दूर करने के लिए गाया जाता है। इसके पाठ से दिव्य शक्ति एकत्रित होती है और अत्यंत प्रभाव मिलता है।यह बजरंग बाण, हनुमान बाण या जय बजरंग बाण के नाम से भी जाना जाता है। यह रचना हनुमानजी की  शक्ति, सामर्थ्य और महानता का बयान करती है। यह मंत्र श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है और भक्तों को उनके जीवन में ऊर्जा, प्रभाव और समृद्धि लाने में मदद करता है।

बजरंग बाण, बजरंग बाण लिखित में, बजरंग बाण लिखित में अर्थ सहित, बजरंग बाण लिखित में pdf, बजरंग बाण लिखित में संस्कृत में, बजरंग बाण लिखित में हिंदी, बजरंग बाण लिखित में download, bajrang baan लिखित में, बजरंग बाण लिरिक्स, बजरंग बाण लिरिक्स हिंदी, बजरंग बाण लिरिक्स pdf, बजरंग बाण लिरिक्स इन हिंदी pdf, बजरंग बाण लिरिक्स हिंदी में, बजरंग बाण लिरिक्स इन हिंदी पीडीएफ, बजरंग बाण लिरिक्स इन इंग्लिश, बजरंग बाण लिरिक्स डाउनलोड, बजरंग बाण पीडीऍफ़ गीता प्रेस, बजरंग बाण लिरिक्स हिंदी, बजरंग बाण लिरिक्स हिंदी में, बजरंग बाण लिरिक्स इन हिंदी पीडीएफ, बजरंग बाण किसने लिखा है, bajrang baan lyrics, bajrang baan lyrics in hindi, bajrang baan lyrics pdf, bajrang baan lyrics in hindi pdf, bajrang baan lyrics in hindi pdf download, bajrang baan lyrics hindi, bajrang baan lyrics hindi pdf, bajrang baan lyrics hindi meaning, bajrang baan lyrics in hindi pdf download, bajrang baan likhit me, bajrang baan likhit mein pdf, bajrang baan likhit mein dikhayen

 

ऐसा माना जाता है की बजरंग बाण संत तुलसीदास गोस्वामी ने लिखा था। उन्होंने हनुमान चालीसा की तरह ही इसे भी हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए लिखा था। इस पाठ में हनुमान जी के बल, बुद्धि, उनकी भक्ति और उनके चमत्कारी प्रभाव का वर्णन किया गया है।

प्रतिदिन बजरंग बाण का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ मिलते है:

(१) संकट हरण: हनुमानजी के संकट मोचन भी कहा जाता है। बजरंग बाण का पाठ करने से सभी प्रकार के संकट और बाधाएँ दूर होती हैं।

(२) नकारात्मक शक्तियों से रक्षा: हमारे मन में दो प्रकार की शक्तियां होती है। हकारात्मक और नकारात्मक। यह पाठ आप नियमितरूप से पढ़ते है, नकारात्मक शक्तियों से बचाने में मदद करता है।

(३) भय और चिंता से मुक्ति: यह पाठ से अपने भक्तों पर हनुमान जी की कृपा से मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।

(४) सफलता का मार्ग: जो भी भक्त सच्चे मन से बजरंग बाण का पाठ करता है, उसे अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

बजरंग बाण

दोहा

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई 

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

दोहा

उर प्रतीति दृढ़, सरन है, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

यहाँ पर आपने बजरंग बाण लिखित में पढ़ा। यहाँ पर हमने बजरंग बाण लिखित में अर्थ सहित पीडीऍफ़ फाइल टेबल में दे रखी है। आप चाहे तो इस फाइल को ऑफलाइन पढ़ने के लिए डाउनलोड कर सकते है। यह फाइल मैंने अपने मुताबित बनाई है। बाज़ार में बजरंग बाण पीडीऍफ़ गीता प्रेस भी उपलब्ध है। दोनों फाइल में बजरंग बाण लिरिक्स इन हिंदी पीडीएफ, अंग्रेजी में Bajrang Baan Lyrics in English और Bajrang Baan Lyrics in Gujarati के साथ उपलब्ध है। आप यहां हनुमान चालीसा का पाठ हिंदी और अंग्रेजी में  Hanuman Chalisa PDF पढ़ सकते हैं।

Bajrang Baan Lyrics in Hindi PDF

Titledescription
PDF NameBajrang Baan Lyrics
PDF Size661 kb
No. of Pages5
LanguageHindi
CategoryReligion & Spirituality
इस पीडीऍफ़ फाइल के लिए पीडीएफ़ नाम पर क्लिक करें।

 

बजरंग का बाण इतना शक्तिशाली क्यों है?

बजरंग बाण इतना शक्तिशाली इसीलिए है क्योंकि यह हनुमानजी की भक्ति के समर्पित है। इस संसार में जो कोई भक्त हनुमानजी का बजरंग बाण का पाठ करता है, उन्हें संकटो से मुक्ति मिलती है। हनुमानजी के संकट मोचन से पुकारा जाता है।

बजरंग बाण कब पढ़ना चाहिए?

आप बजरंग बाण का पाठ किसी भी समय कर सकते है। यह पाठ पढ़ने का समय तय नहीं है। हाँ, यदि यह पाठ प्रति मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से पढ़ते है, हनुमानजी की कृपा आप पर बनी रहती है।

बजरंग बाण का पाठ कौन कर सकता है?

जो कोई व्यक्ति पूरी तरह से संकट में है, वह इस पाठ के अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा हनुमानजी के भक्त इस पाठ को कर सकते है।

क्या बजरंग बाण रोज सुन सकते हैं?

हाँ, आप बजरंग बाण लिखित में अर्थ सहित पढ़ और सुन सकते है।

११ बार बजरंग बाण का पाठ करने से क्या होता है?

शास्त्रों के अनुसार आप हनुमान चालीसा के बाद बजरंग बाण का पाठ ११ और २१ बार पढ़ने से घर में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।