लक्ष्मी जी की आरती (Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics) करने से हमें लक्ष्मी माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता हैं और हम अपने जीवन में समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ते हैं। लक्ष्मी माता को धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी से जाना जाता हैं। वह हिन्दू धर्म में माता लक्ष्मी के रूप में पूजी जाती हैं। इस आर्टिकल में हम लक्ष्मी माता की आरती के महत्व, मंत्र, और महत्वपूर्ण लाभ के बारे में चर्चा करेंगे।
लक्ष्मी जी की आरती का महत्व – Importance of Lakshmi Ji Ki Aarti
लक्ष्मी जी की आरती का महत्व यह है की जब भी कोई व्यक्ति अपने सच्चे मन से इस आरती को पढ़ता है, वह अपने जीवन में आनेवाली आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है। यहाँ पर आप लक्ष्मीजी की आरती के लिरिक्स हिंदी में पढ़ सकते है। यह लिरिक्स हिंदी में हो या अंग्रेजी में, Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics in hindi with pdf का पाठ एक शुभ और पवित्र कार्य मन जाता है, जिससे समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति में वृद्धि होती है। जब भी आप यह आरती करें तब कुछ मुख्य बाबतें ध्यान में रखे:
(१) अपने घर या ऑफिस के मंदिर में माता लक्ष्मी का फोटो और मूर्ति जरुर स्थापित करें।
(२) आप यह फोटो और मूर्ति को लाल रंग के साफ सूफी आसन पर रखे।
(३) आप का स्थान ग्रहण करे।
(४) आपका स्थान पूरी तरह से स्वच्छ होना चाहिए।
(५) आप अपने स्थान पर आसन रखें।
(६) उस आसन पर अपना स्थान ग्रहण करें।
(७) आरती करने से पहले दिया जलाएं।
(८) आरती करने से पहले अपने दो हाथों को जोड़कर माता लक्ष्मी को प्रणाम करें।
(९) अब आप आरती के बोल का उच्चारण करें।
(१०) आरती के साथ साथ आप घंटी भी बजाएं।
(११) आरती के समापन बाद माता लक्ष्मी से आशीर्वाद प्राप्त करें।
(१२) आरती के समापन के बाद आप प्रसाद बाटें।
(१३) घर या ऑफिस में उपस्थित सब लोगों को आरती दे।
लक्ष्मी माता की आरती
लक्ष्मी माता की आरती के पाठ में कई सारे मंत्र होते हैं, जो उनकी आरती और पूजा के समय पढ़े जाते हैं। यह आरती के शुरुआत में जो बोल आते है, वह कुछ इस तरह से है:
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
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लक्ष्मी माता की आरती के महत्वपूर्ण लाभ:
हमने यहाँ पर कुछ भक्तों को लक्ष्मी माता की आरती का पाठ करने से जो लाभ मिले है उसका वर्णन यहाँ पर दे रखे है:
धन प्राप्ति – अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में धन की कमी महसूस कर रहा है, तो उन्हें इस आरती का पाठ प्रतिदिन करने से उन्हें धन के संकटों से मुक्ति मिल सकती है। यह आरती मानव जीवन के हर क्षेत्र में धन की प्राप्ति करने में मददगार साबित होती है।
समृद्धि – आज के ज़माने में हर कोई अपने जीवन को उच्च बनाने में जुटा है। अगर आप थोड़ा आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों में आओगे, तब आपका जीवन समृद्धि से भर सकता है। ऐसा माना जाता है की इस आरती से कई सारे भक्तों को अपने जीवन स्तर को उच्च बनाने में मदद मिली है। अगर आप अपने घर में समृद्धि चाहते है, तो आपको अपने घर या ऑफिस को स्वच्छ रखना पड़ेगा। माता लक्ष्मी ऐसी जगह पे रूकती है, जहां पे स्वच्छता है।
सौभाग्य और फल की प्राप्ति – आज हर व्यक्ति अपने सौभाग्य से अपने जीवन का कर्म रूपी फल प्राप्त कर रहा है। “जैसी करनी वैसी भरनी” यह एक कार्य रचना है, जिसमें स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। आप जैसा कर्म करेंगे, वैसा फल प्राप्त करेंगे। आपका सौभाग्य भी आपके अपने कर्म के आधीन है।
आनंद और खुशी में वृद्धि – माँ लक्ष्मी उन भक्तों पे प्रसन्ना होती है, जो प्रतिदिन उनकी आरती करतें है। कुछ भक्तों को यह आरती हर रोज करने से उनके जीवन में आनंद और खुशी में बढ़ोतरी देखी गयी है।
स्वास्थ्य में सुधार – अगर कोई भक्त शारीरिक पीड़ा से मुक्ति पाना चाहता है, यह आरती का पाठ करने से माता लक्ष्मी उनके सारे रोगों से मुक्ति मिलाने में मददरूप होती है। इस आरती का पाठ करने से कई भक्तों को अपने स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिला है।
लक्ष्मी जी की आरती के लिरिक्स हमने हिंदी में पीडीऍफ़ फॉर्मेट में दे रखा है। यह लिरिक्स आप अंग्रेजी में, Lakshmi Ji Ki Aarti Lyrics में भी पढ़ सकते है। आप अपने समय पे इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ सकते है। हमने लक्ष्मी माता के भक्तों के लिए ये खास व्यवस्था दे रखी है। हम चाहते है की माता लक्ष्मी के हर भक्तों द्वारा इस आरती के लिरिक्स को प्रतिदिन पढ़े और अपने जीवन में से सारे कष्टों का निवारण करें। अगर आप को यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों या परिवार के अन्य सदस्यों से साझा करें।
Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in English
Om Jai Lakshmi Mata, Maiya Jai Lakshmi Mata।
Tumako Nishidin Sevat, Hari Vishnu Vidhata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Uma Rama Brahmani, Tum Hi Jag-Mata।
Surya-Chandrama DhyavatNaarad Rishi Gata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Durga Roop Niranjani, Sukh Sampatti Data।
Jo Koi Tumako Dhyavat, Riddhi-Siddhi Dhan Pata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Tum Patal-Nivasini, Tum Hi Shubhdata।
Karma-Prabhav-Prakashini, Bhavanidhi Ki Trata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Jis Ghar Mein Tum Rahti, Sab Sadgun Aata।
Sab Sambhav Ho Jata, Man Nahi Ghabrata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Tum Bin Yagya Na Hote, Vastra Na Koi Pata।
Khan-Pan Ka Vaibhav, Sab Tumase Aata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Shubh-Gun Mandir Sundar, Kshirodadhi-Jata।
Ratna Chaturdash Tum Bin, Koi Nahi Pata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
Mahalakshmi Ji Ki Aarti, Jo Koi Jan Gata।
Ur Anand Samata, Paap Utar Jata॥
Om Jai Lakshmi Mata॥
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