विष्णु चालीसा भारतीय संस्कृति का धार्मिक पुस्तक है, जो भगवान विष्णु के प्रति जीवन गाथा है। इस आर्टिकल में हम भगवान विष्णु के पूरे जीवन की प्रस्तुति विष्णु चालीसा अर्थ सहित यहाँ पर पढ़ेंगे। यह चालीसा अपने भक्तों के प्रति भक्ति भाव की प्रेरणा रूप है।
विष्णु चालीसा अर्थ सहित
विष्णु चालीसा के लाभ
विष्णु चालीसा पढ़ने के फायदे कुछ इस तरह से मिलते है:
(१) आध्यात्मिक शांति: विष्णु चालीसा का पाठ प्रतिदिन पढ़ने से आपके मन को शांत करता है और ध्यान के समय को मज़बूत करता है।यह भक्तों को नकारात्मक विचारों से दूरी बनाने में और अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
(२) जीवन में सुख और समृद्धि:
विष्णु चालीसा का पाठ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। इसके अलावा आपको जीवन में सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए विष्णु चालीसा लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।
(३) संकटों से मुक्ति: विष्णु चालीसा पढ़ने से जीवन के कष्टों और मुसीबतों से छुटकारा मिलता है। भगवान विष्णु को पालनकर्ता माना जाता है, इसलिए वे अपने भक्तों की प्रतिदिन रक्षा करते हैं।
(४) धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान: विष्णु चालीसा अर्थ सहित पढ़ने से भगवान विष्णु के जीवन, अवतारों और लीलाओं के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है।
यह भक्तों को धर्म और अपने कर्तव्य का महत्व समझने में मदद करता है।
(५) स्वास्थ्य लाभ: विष्णु चालीसा के प्रतिदिन पाठ से मानसिक तनाव कम होता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
(६) पारिवारिक सुख: विष्णु चालीसा के पाठ से परिवार में एकता, प्रेम और शांति बनी रहती है। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है। गृह क्लेश और मतभेदों का समाधान होता है।
(७) मोक्ष की प्राप्ति: भगवान विष्णु को मोक्ष देने वाले देवता माने जाते है। विष्णु चालीसा का पाठ आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का उत्तम मार्ग माना जाता है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए आप विष्णु लक्ष्मी चालीसा नियमित रूप से पढ़ सकते है। इस पाठ को आप प्रातःकाल या संध्या समय पे करना शुभ माना जाता है।
विष्णु चालीसा का मूल्य
विष्णु चालीसा भगवान विष्णु की महिमा और कृपा का वर्णन करने वाला एक पवित्र पुस्तक है। इसके हनुमान चालीसा की तरह 40 छंद (चौपाई और दोहे) भगवान विष्णु के गुणों, अवतारों और उनकी लीलाओं का वर्णन करते हैं। इसके पाठ का आध्यात्मिक, धार्मिक और व्यक्तिगत जीवन में श्रेष्ठ मूल्य है।
(१) श्री विष्णु भगवान के प्रति भक्ति: विष्णु चालीसा के प्रत्येक छंद में भगवान विष्णु की भक्ति और उनकी दिव्य शक्तियों का वर्णन है।
यह भक्तों को भगवान श्री विष्णु के प्रति समर्पण और श्रद्धा बढ़ाने में सहायता रूप होता है।
(२) धार्मिक ग्रंथों का सार: विष्णु चालीसा में भगवान विष्णु के दशावतार (मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, और कल्कि अवतार) का वर्णन मिलता है।यह भक्तों को विष्णु पुराण, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमद भगवद गीता और अन्य पुस्तकों के मुख्य संदेशों को सरल शब्दों में समझने में मददरूप होता है।
(३) सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत: विष्णु चालीसा का पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का भाव होता है।
विष्णु चालीसा लिरिक्स भक्तों को मानसिक शांति और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करने में मददगार साबित होता हैं।
विष्णु चालीसा के पाठ की महिमा
विष्णु चालीसा लिखित में पढ़ने से भक्तों के जीवन में अनेक आध्यात्मिक और सकारात्मक लाभ होते हैं। इस चालीसा के पाठ से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है और वह भगवान विष्णु के चरणों में अपने सभी कष्टों और समस्याओं को सौंप देते है।
(१) दिव्य आशीर्वाद – इसका नियमित पाठ करके भगवान विष्णु के हर भक्त दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करते है। भक्तों का मानना है कि भगवान विष्णु उन्हें अपने अनंत कृपा बरसाते हैं और उनकी रक्षा करते हैं।
(२) आंतरिक शांति – विष्णु चालीसा लिरिक्स पढ़ने से भक्तों को आंतरिक शांति मिलती है। इसका पाठ मन को शांत और स्थिर बनाता है जिससे व्यक्ति अपने जीवन की आने वाली मुश्किलों से छुटकारा मिलता है।
(३) भय और नकारात्मकता का नाश – इस के पाठ पढ़ने से नकारात्मकता का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन से भय से मुक्ति मिल जाती है। भगवान विष्णु की कृपा से भक्त शारीरिक बीमारियां का भी सामना कर सकता है।
(४) आध्यात्मिक उन्नति – इसके नियमित पाठ से भक्तों का आध्यात्मिक विकास होता है। इसके पाठ से व्यक्ति की चिंता दूर होती हैं और उसके मन में शांति बनी रहती है।
(५) संपूर्णता की प्राप्ति – इस के पाठ से व्यक्ति को आत्मा की संपूर्णता की प्राप्ति होती है। इससे भक्त के मन, शरीर और आत्मा उचित हो जाते हैं।
Vishnu Chalisa Lyrics Hindi
श्री विष्णु चालीसा लिरिक्स हिंदी में आप यहाँ पर पढ़ सकते है।
।दोहा।।
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥
।।चौपाई।।
नमो विष्णु भगवान खरारी,कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी,त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत,सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत,बैजन्ती माला मन मोहत ॥
शंख चक्र कर गदा बिराजे,देखत दैत्य असुर दल भाजे ।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे,काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन,दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन,दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥
पाप काट भव सिन्धु उतारण,कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण,केवल आप भक्ति के कारण ॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा,तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा,रावण आदिक को संहारा ॥
आप वाराह रूप बनाया,हरण्याक्ष को मार गिराया ।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया,चौदह रतनन को निकलाया ॥
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया,रूप मोहनी आप दिखाया ।
देवन को अमृत पान कराया,असुरन को छवि से बहलाया ॥
कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया,मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया,भस्मासुर को रूप दिखाया ॥
वेदन को जब असुर डुबाया,कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।
मोहित बनकर खलहि नचाया,उसही कर से भस्म कराया ॥
असुर जलन्धर अति बलदाई,शंकर से उन कीन्ह लडाई ।
हार पार शिव सकल बनाई,कीन सती से छल खल जाई ॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी,बतलाई सब विपत कहानी ।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी,वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥
देखत तीन दनुज शैतानी,वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी,हना असुर उर शिव शैतानी ॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे,हिरणाकुश आदिक खल मारे ।
गणिका और अजामिल तारे,बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे ॥
हरहु सकल संताप हमारे,कृपा करहु हरि सिरजन हारे ।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे,दीन बन्धु भक्तन हितकारे ॥
चहत आपका सेवक दर्शन,करहु दया अपनी मधुसूदन ।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन,होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ॥
शीलदया सन्तोष सुलक्षण,विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ।
करहुं आपका किस विधि पूजन,कुमति विलोक होत दुख भीषण ॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण,कौन भांति मैं करहु समर्पण ।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई हर्षित रहत परम गति पाई ॥
दीन दुखिन पर सदा सहाई,निज जन जान लेव अपनाई ।
पाप दोष संताप नशाओ,भव बन्धन से मुक्त कराओ ॥
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ,निज चरनन का दास बनाओ ।
निगम सदा ये विनय सुनावै,पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै ॥
।। दोहा ।।
भक्त हृदय में वास करें पूर्ण कीजिये काज ।
शंख चक्र और गदा पद्म हे विष्णु महाराज ॥
यहाँ पर आपने विष्णु चालीसा लिरिक्स लिखित में पढ़े। इसके अलावा आपने विष्णु चालीसा के लाभ, मूल्य और फायदे आपने अर्थ सहित आपने पढ़े। इस चालीसा को आप अंग्रेजी में, Vishnu Chalisa Lyrics in English पढ़ सकते है। अब हम यहाँ पर विष्णु चालीसा PDF फाइल निचे टेबल फॉर्मेट में दे रखा है। आप चाहे तो विष्णु चालीसा लिरिक्स इन हिंदी पीडीऍफ़ फाइल डाउनलोड कर सकते है। अगर आपके मोबाइल या कंप्यूटर में यह फाइल डाउनलोड होगी, तो आप इसे सुपर फास्ट पढ़ सकते है।
Details | Information |
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PDF NAME | विष्णु चालीसा PDF |
No. Of Pages | 2 |
PDF Size | 100 KB |
Language | Hindi |
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विष्णु की चालीसा कब पढ़ना है?
विष्णु चालीसा आप नियमित रूप से प्रातः काल या संध्या समय पर पढ़ना चाहिए। प्रभु विष्णु के संलग्न त्यौहार और एकादशी के दिन पढ़ने से आपको ज्यादा लाभ मिल सकते है।
भगवान विष्णु की स्तुति कैसे करें?
भगवान विष्णु की प्रार्थना करने के लिए नीचे सरल तरीके बताए गए हैं:
(१) साफ और स्वच्छ कपड़े पहनें और पवित्र स्थान पर बैठें।
(२) पूजा के लिए तुलसी दल, पीले रंग के फूल, दीपक, धूपबत्ती, और प्रसाद तैयार करें।
(३) तांबे के सामग्री में गंगाजल या साफ पानी का उपयोग करें।
(४) भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उनके स्वरूप की कल्पना करें।
(५) ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
(६) विष्णु चालीसा का पाठ करके उनकी महिमा का गुणगान करें।
(७) भगवान विष्णु को भोग और फल अर्पण करें।
(८) तुलसी का पत्ता अर्पित करना न भूलें।
(९) अंत में आरती करें और परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करें।
(१०) यदि समय कम हो तो प्रतिदिन “ॐ नमो नारायणाय।” मंत्र अवश्य जपें।
भगवान विष्णु का मूल मंत्र क्या है?
भगवान विष्णु के कई सारे मंत्र हैं, लेकिन उनका मूल और सबसे प्रभावशाली मंत्र है:
(१) विष्णु मूल मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
(२) विष्णु गायत्री मंत्र: ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु: प्रचोदयात्॥
(३) नारायण मंत्र: ॐ नमो नारायणाय।
(४) शांति और रक्षा के लिए मंत्र:
शांताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं।
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभांगम्॥
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।
वंदे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥
विष्णु का शक्तिशाली नाम क्या है?
श्री प्रभु विष्णु को ॐ नारायण, वासुदेव, जनार्दन, हरि, अनंत, श्रीधर नामों से जाना जाता है। यह नाम सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली नामों में से एक है।