- भारतीय धार्मिक साहित्य के अमूल्य रत्न में से एक विष्णु चालीसा एक ऐसी अनूठी और संपूर्ण गाथा है जो भगवान विष्णु के प्रति श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करती है। Vishnu Chalisa in Hindi Lyrics PDF (विष्णु चालीसा) पवित्र हनुमान चालीसा की तरह चालीस चौपाईयों से बनी हुई है और हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक आविर्भाव का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। विष्णु चालीसा के रहस्यमयी विश्व को विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे।
विष्णु चालीसा lyrics का मूल्य और महत्व
- विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa Hindi) को हिंदी संस्कृति में एक प्राचीन आध्यात्मिक ग्रंथ के रूप में गर्व से संज्ञान किया जाता है। इसे भगवान विष्णु के सानिध्य में अवगत होने का एक साधन माना जाता है जो भक्तों को सबल और शक्तिशाली बनाता है। यह चालीसा उन समयों में लोकप्रिय थी जब लोग भगवान विष्णु के असीम प्रेम और भक्ति का अनुसरण करते थे जिन्हें वे अपने जीवन का अंश बनाना चाहते थे।
विष्णु चालीसा के पाठ की महिमा
- विष्णु चालीसा lyrics का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में अनेक आध्यात्मिक और दैवीय लाभ होते हैं। इस चालीसा के पाठ से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है और वह भगवान विष्णु के चरणों में अपने सभी कष्टों और व्यथाओं को सुपुर्द करता है।
- दिव्य आशीर्वाद – इसका नियमित पाठ भगवान विष्णु के दिव्य आशीर्वाद को आमंत्रित करता है। भक्तों का मानना है कि भगवान विष्णु उन्हें अपने अनंत कृपा से आभूषित करते हैं और उनकी रक्षा करते हैं।
- आंतरिक शांति – इस के सुरीले गान का प्रयोग आंतरिक शांति का सृजन करता है। इसका पाठ मन को शांत और स्थिर बनाता है जिससे व्यक्ति अपने जीवन की चुनौतियों को सहजता से निभा सकता है।
- भय और नकारात्मकता का नाश – इस के पाठ से नकारात्मकता का नाश होता है और व्यक्ति के जीवन से भय का साया उतर जाता है। भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति शक्तिहीनता को भी सामना कर सकता है।
- आध्यात्मिक उन्नति – इसके नियमित पाठ से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। इसके पाठ से व्यक्ति की चिंताएं दूर होती हैं और उसकी मन की गहराईयों तक पहुंच जाती है।
- सम्पूर्णता की प्राप्ति – इस के पाठ से व्यक्ति को आत्मिक संपूर्णता की प्राप्ति होती है। इससे व्यक्ति का मन, शरीर और आत्मा संतुलित हो जाते हैं।
Shri Vishnu Chalisa in Hindi | Vishnu Chalisa hindi mai
श्री विष्णु चालीसा
।दोहा।।
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥
।।चौपाई।।
नमो विष्णु भगवान खरारी,कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी,त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत,सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत,बैजन्ती माला मन मोहत ॥
शंख चक्र कर गदा बिराजे,देखत दैत्य असुर दल भाजे ।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे,काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥
सन्तभक्त सज्जन मनरंजन,दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन,दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥
पाप काट भव सिन्धु उतारण,कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण,केवल आप भक्ति के कारण ॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा,तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा,रावण आदिक को संहारा ॥
आप वाराह रूप बनाया,हरण्याक्ष को मार गिराया ।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया,चौदह रतनन को निकलाया ॥
अमिलख असुरन द्वन्द मचाया,रूप मोहनी आप दिखाया ।
देवन को अमृत पान कराया,असुरन को छवि से बहलाया ॥
कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया,मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया,भस्मासुर को रूप दिखाया ॥
वेदन को जब असुर डुबाया,कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।
मोहित बनकर खलहि नचाया,उसही कर से भस्म कराया ॥
असुर जलन्धर अति बलदाई,शंकर से उन कीन्ह लडाई ।
हार पार शिव सकल बनाई,कीन सती से छल खल जाई ॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी,बतलाई सब विपत कहानी ।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी,वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥
देखत तीन दनुज शैतानी,वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी,हना असुर उर शिव शैतानी ॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे,हिरणाकुश आदिक खल मारे ।
गणिका और अजामिल तारे,बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे ॥
हरहु सकल संताप हमारे,कृपा करहु हरि सिरजन हारे ।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे,दीन बन्धु भक्तन हितकारे ॥
चहत आपका सेवक दर्शन,करहु दया अपनी मधुसूदन ।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन,होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ॥
शीलदया सन्तोष सुलक्षण,विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ।
करहुं आपका किस विधि पूजन,कुमति विलोक होत दुख भीषण ॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण,कौन भांति मैं करहु समर्पण ।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई हर्षित रहत परम गति पाई ॥
दीन दुखिन पर सदा सहाई,निज जन जान लेव अपनाई ।
पाप दोष संताप नशाओ,भव बन्धन से मुक्त कराओ ॥
सुत सम्पति दे सुख उपजाओ,निज चरनन का दास बनाओ ।
निगम सदा ये विनय सुनावै,पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै ॥
।। दोहा ।।
भक्त हृदय में वास करें पूर्ण कीजिये काज ।
शंख चक्र और गदा पद्म हे विष्णु महाराज ॥
- विष्णु चालीसा lyrics (Vishnu Chalisa in Hindi Lyrics) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो भगवान विष्णु के प्रति भक्ति और समर्पण की अद्भुत उच्चकोटि की प्रशंसा करता है। इसे पाठ करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति, दिव्य आशीर्वाद, और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है। विष्णु चालीसा व्यक्ति को भगवान विष्णु के दिव्य सानिध्य में ले जाता है और उसे अपने जीवन की हर परेशानी से निपटने की शक्ति प्रदान करता है। इस पवित्र चालीसा की आराधना करने से व्यक्ति आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से संपन्न होता है और उसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सुधरता है।
- विष्णु चालीसा (Vishnu Chalisa Hindi) एक पवित्र धार्मिक ग्रंथ है, इसे श्रद्धा और भक्ति से पढ़ना चाहिए।
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