Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in Hindi by Hariharan & Anuradha Paudwal

भारतीय संस्कृति में आरती कुंज बिहारी की गीत का महत्व बहुत अधिक है। भारत के आलावा दुनिया भर में श्री कृष्णा के भक्तों का समुदय बहुत है। हम यह लेख में आपको Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in Hindi by Hariharan & Anuradha Paudwal एक मुख्य आरती के बारे में बताएंगे। हम इसके लिरिक्स भी आपको वर्णन करेंगे, जो भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करने के लिए किया जाता है। यह आरती एक प्रकार की पूजा है जिसमें श्री कृष्णा की मूर्ति या फोटो के सामने दिया जलाकर उनकी महिमा का गुणगान किया जाता है।

 

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Krishna Aarti |  Krishna Ji Ki Aarti

आरती कुंज बिहारी की लिरिक्स (Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics) हरिहरन (Hariharan) और अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) द्वारा गाया गया हैं। ऐसे तो यह आरती बहुत सारे गायकों द्वारा भी गाया गाया है, लेकिन इसमें यह दो गायकों द्वारा गाई गई हुई आरती ज्यादातर भक्तों द्वारा सुनी जाती है। भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म के एक मुख्य देवता हैं। उन्होंने भगवद गीता में अर्जुन को अपने धर्म का पालन करने की सलाह दी थी। विश्व भर में भगवान श्री कृष्णा अपनी बाल लीलाओं और उपदेशों के लिए प्रसिद्ध हैं। वैसे तो श्रीकृष्ण की कई सारी लीलाएं है। परंतु उन अनेक में से मुख्यत्वे में भगवान श्री कृष्णा ने वृंदावन में गोपियों के साथ रास खेलने की आनंददायक लीलाएं की और मथुरा में कंस के खिलाफ युद्ध किया।

 

Krishna aarti बहुत पुरानी आरती है जो भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में हररोज सुबह और साम को की जाती है। श्री कृष्णा के भक्तों अपने घर या ऑफिस में भी यह आरती करते है। आरती कुंज बिहारी की आरती में भगवान श्री कृष्णा की अर्चना की जाती है और उनके लिए मंदिर में सब लोगों का जमावड़ा होता हैं। यह आरती वृंदावन के बनारसीदास जी द्वारा रची गई थी और आज भी भक्तों के द्वारा यह आरती पसंद की जाती है।

 

 

आरती कुंज बिहारी की

Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in Hindi by Hariharan & Anuradha Paudwal

 

 

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की…॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

 

Importance of Shri Krishna Bhagwan Ji Ki Aarti

भगवान की स्तुति – Shri krishna aarti में भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति होती है, यह आरती करते हुए भक्तों का मन पवित्र और भक्ति में लीन हो जाता है।

आनंदमय भगवान – यह आरती में भगवान श्री कृष्णा की अनेक लीलाएं और खेल का वर्णन किया गया हैं, जिससे भक्तों में आनंद की बढ़ोतरी होती है।

भक्ति का अदभुत अनुभव – यह आरती का पाठ करने से भक्तों को भगवान श्री कृष्णा के साथ गहरा संबंध महसूस होता है और उनकी भक्ति में वृद्धि होती है।

समर्पण – Krishna ji ki aarti का पाठ करने से भक्तोमें के अदभुत समर्पण का भाव देखने को मिलता है। यह भक्तो की आत्मा का श्रीकृष्ण के साथ पूर्ण रूप से समर्पण का भाव प्रगट करता है।

आरती कुंज बिहारी की लिरिक्स हिंदी में आपने पढ़ लिए। Shri krishna bhagwan ji ki aarti के लिरिक्स हमने अंग्रेजी में दे रखे है। अगर आप अंग्रेजी में पढ़ना चाहते है तो यहाँ पर आप पढ़ सकते है।

 

Hariharan Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥

Gale Mein Baijanti Mala,
Bajave Murali Madhur Bala ।
Shravan Mein Kundal Jhalakala,
Nand Ke Anand Nandlala ।
Gagan Sam Ang Kanti Kali,
Radhika Chamak Rahi Aali ।
Latan Mein Thadhe Banamali
Bhramar Si Alak,
Kasturi Tilak,
Chandra Si Jhalak,
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Kanakmay Mor Mukut Bilse,
Devata Darsan Ko Tarse ।
Gagan So Suman Raasi Barse
Baje Murchang,
Madhur Mridang,
Gwaalin Sang
Atual Rati Gop Kumari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga,
Sakal Man Haarini Shri Ganga ।
Smaran Te Hot Moh Bhanga
Basi Shiv Shish,
Jataa Ke Beech,
Harei Agh Keech,
Charan Chhavi Shri Banvaari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Chamakati Ujjawal Tat Renu,
Baj Rahi Vrindavan Benu।
Chahu Disi Gopi Gwaal Dhenu
Hansat Mridu Mand,
Chandani Chandra,
Katat Bhav Phand,
Ter Sun Deen Dukhari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
॥ Aarti Kunj Bihari Ki…॥

Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥
Aarti Kunj Bihari Ki,
Shri Girdhar Krishna Murari Ki ॥

 

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