नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय हिंदी PDF | शिव पंचाक्षर स्तोत्र

इस लेख में नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय लिरिक्स मंत्र, स्तुति अर्थ सहित और शिव पंचाक्षर स्तोत्र हिंदी और अंग्रेजी पीडीऍफ़ के बारे में पढ़ेंगे। नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय लिरिक्स की यह रचना भगवान भोलेनाथ के भावों को वर्णन करती है। यह रचना भगवान शिव के स्तोत्र में आता है। भोलेनाथ के भक्तों द्वारा इसे प्रतिदिन पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र प्रतिदिन पढ़ने से भोलेनाथ का भाव अपने भक्तों के प्रति बढ़ता है। यह स्तोत्र की रचना ऐसे की गई है जिसके हर शब्द में भक्तों को शिव के दिव्य स्वरूप के प्रति श्रद्धा और भक्ति का अहसास होता हैं।

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दुनियाभर में शिवजी को मानने वाले भक्तों की संख्या अधिक है। अगर कोई भक्त यह स्तोत्र पुरे सच्चे मनसे पढ़ता है, तो भगवान भोलेनाथ के प्रति भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त होती है। भक्त अपने इसके आचरण से सीधे शिव जी के साथ एक गहरा संबंध अनुभव करने में मदद करता है। जब भी कोई भक्त यह स्तोत्र सच्चे दिल से पढ़ता है, उसका जीवन में भक्ति और श्रद्धा का वातावरण बनता है। यह स्तोत्र भक्तों और भगवान भोलेनाथ के साथ एक मजबूत कनेक्शन बनाता है। हम नागेन्द्रहाराय के बारे में और इसके महत्व के बारे में आगे बात करेंगे, और यह स्तोत्र हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में क्यों महत्वपूर्ण है वह हम देखेंगे।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र के लाभ

(१) भगवान शिव की महिमा – शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने के लिए पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के मुख्य गुणों की याचना करता है। इस स्तोत्र में भगवान भोलेनाथ के अदभुत रूप, शक्ति, और अनुग्रह का वर्णन किया गया है।

(२) भक्ति का माध्यम – यह स्तोत्र शिव भक्तों और भगवान भोलेनाथ की भक्ति और श्रद्धा का माध्यम बनता है। भक्तों इसका पाठ करके भगवान शिव की पूजा, अर्चना और सेवा में मग्न रहते है।

(३) आध्यात्मिक विकास – Shiva Panchakshara Stotram का पाठ प्रतिदिन पढ़ने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। यह स्तोत्र पढ़ने से भक्तों अपने आप में शांति और समृद्धि का अहसास महसूस करते है।

(४) सुंदरता का प्रतीक –  इस स्तोत्र का पाठ भक्तों को भगवान शिव के सुंदरता के प्रति विश्वास दिलाता है। यह स्तोत्र में भगवान शिव के अनेक रूप का वर्णन किया गया है, जैसे कि नीलकंठ (नीला गला) और चंद्रमौली (चंद्रमा की झुल्ली पहने हुए) यह सब भगवान भोलेनाथ के प्रति दिव्यता का प्रतीक रूप माना जाता हैं।

(५) मोक्ष की प्राप्ति-  ऐसा माना जाता है की जीन लोगों को मोक्ष की प्राप्ति करनी है, उनको भगवान भोलेनाथ की पूजा करनी पड़ती है। इसीलिए कई भक्त इस स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करते है, ताकि उनको भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो और मोक्ष की प्राप्ति पाने में मदद मिले। अगर कोई भक्त शिवजी की भक्ति उनके जीवन के अंत तक करता है, तो शिव जी ऐसे भक्त पे प्रसन्ना होते है और उनके सारे कार्यों का फल देते है। मोक्ष की प्राप्ति के साथ साथ वह संसार के बंधनों से मुक्ति दिलाने में भी मदद करते है।

(६) भगवान भोलेनाथ की स्तुति का महत्व: – भगवान भोलेनाथ को प्रसन्ना करने में यह स्तोत्र का पाठ एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह स्तुति का महत्त्व समझने के लिए आपको शिव जी के प्रति आपकी भक्ति ही आपको मानसिक और आत्मिक संबंध बनाने में मदद करता है, जो हर भक्त के आत्मिक विकास को समर्थन देने में मददगार साबित होता है।

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय के लिरिक्स हमने यहाँ पर हिंदी में दे रखे है, अगर आप इसे अंग्रेजी में, Nagendra Haraya Trilochanaya Lyrics पढ़ना चाहे तो आप नीचे स्क्रॉल करके आप इस अंग्रेजी में भी पढ़ सकते है। आप यहाँ पर इस स्तोत्र को पीडीऍफ़ स्वरुप में पा सकेंगे। अगर आप चाहे तो इसे ऑफलाइन पढ़ने के लिए डाउनलोड भी कर सकते है।

Nagendra Haraya Trilochanaya Lyrics in Hindi

Nagendra-Haraya-Trilochanaya-Lyrics-PDF

Shiva Panchakshara Stotram in English

Aum namah shivaya shivaya namah aum
Aum namah shivaya shivaya namah aum

nagendraharaya trilochanaya
bhasmangaragaya mahesvaraya
nityaya suddhaya digambaraya
tasmai na karaya namah shivaya

mandakini salila chandana charchitaya
nandisvara pramathanatha mahesvaraya
mandara pushpa bahupushpa supujitaya
tasmai ma karaya namah shivaya

shivaya gauri vadanabja brnda
suryaya dakshadhvara nashakaya
sri nilakanthaya Vrshadhvajaya
tasmai shi karaya namah shivaya

vashistha kumbhodbhava gautamarya
munindra devarchita shekharaya
chandrarka vaishvanara lochanaya
tasmai va karaya namah shivaya

yagna svarupaya jatadharaya
pinaka hastaya sanatanaya
divyaya devaya digambaraya
tasmai ya karaya namah shivaya

panchaksharamidam punyam yah pathechchiva
sannidhau shivalokamavapnoti sivena saha modate

PDF Nameनागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय pdf
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PDF Size43 KB
LanguageHindi

(१) शिव जी का पंचाक्षरी मंत्र कौन सा है?

शिव जी का प्रसिद्ध पंचाक्षरी मंत्र ॐ नमः शिवाय है। यह पाँच अक्षरों से मिलकर बना है, इसलिए इसे पंचाक्षरी मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति और सुख-संपत्ति प्राप्त होती है।

यह पाँच अक्षरों इस प्रकार से है:
(१) न
(२) म
(३) :
(४) शि
(५) वाय

(२) शिव पंचाक्षर स्तोत्र कब पढ़ना चाहिए?

शिव पंचाक्षर स्तोत्र को रोज सुबह और शाम के समय पढ़ सकते हैं। यदि आप यह स्तोत्र सोमवार के दिन, प्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि और सावन के महीने में पढ़ते है, तो इसका पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। इसे पढ़ने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है

(३) भगवान शिव का गुप्त मंत्र क्या है?

भगवान शिव के कई सारे गुप्त मंत्र हैं, लेकिन कुछ प्रमुख मंत्र निम्नलिखित हैं:

(१) ॐ नमः शिवाय – यह सबसे शक्तिशाली और प्रसिद्ध मंत्र है।
(२) ॐ ह्रीं नमः शिवाय – यह एक उर्जा प्राप्त करने वाला मंत्र है, जिससे मन की शुद्धि होती है।
(३) ॐ महादेवाय नमः – इसे जपने से शिव कृपा जलसे जल्द प्राप्त होती है।

(४) पंचाक्षरी मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

यदि आप रुद्राक्ष की माला का 108 बार या 1008 बार जाप करते है, आप की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

(५) शिव को जल्दी प्रसन्न कैसे करें?

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाएं। रुद्राक्ष की माला पहनें और शिव चालीसा का पाठ करें। सच्चे मन और भक्ति भाव से भगवान शिव की पूजा करें। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें, क्योंकि भगवान शिव दयालु और भोले हैं। प्रदोष व्रत रखें और सावन में शिव मंदिर जाएँ।