Free Download Durga Chalisa Lyrics in Hindi PDF Arth Sahit

दुर्गा चालीसा एक प्राचीन भजन है जिसमें माता दुर्गा की महिमा, शक्ति, और करुणा का गुणगान किया जाता है। दुर्गा माता को शक्ति की प्रतीक मानी जाती हैं और उनकी पूजा पाठ का महत्व हर व्यक्ति के लिए सामान है। हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि दुर्गा चालीसा क्या है और इसका पाठ करने के क्या महत्वपूर्ण फायदे हैं।

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देवी दुर्गा का महिमा गान

दुर्गा माता को दूसरे नाम माँ अम्बा के रूप से भी जाना जाता है। माँ अम्बा देवियों की देवी है। माँ दुर्गा वैष्णो देवी मंदिर में बिराजमान है। यह मंदिर में दूर दूर से माता के भक्तों चलके इस मंदिर में आते हैं। गुजरात में अंबाजी मंदिर है, जहां पर माँ अम्बा बिराजमान है। यह मंदिर में कई सारे भक्तों की भीड़ जमा होती है। यह दोनों स्थान पर माँ दुर्गा अपने भक्तों को प्रार्थना करने का अवसर प्रदान करती है। हर कोई भक्त चाहता है की वह दुर्गा चालीसा की स्तुति उनके मंदिर में ही की जाए। प्रतिदिन आप किसी नजदीकी माँ दुर्गा के मंदिर जा के इसका पाठ पढ़ सकते है।

 

दुर्गा चालीसा का महत्व

दुर्गा चालीसा का पाठ करने से आपको नीचे दिखाए गए लाभ मिल सकते हैं-

(१) शक्ति की प्राप्ति – यह चालीसा का पाठ करने से हमें देवी दुर्गा माता की शक्ति का अनुभव होता है। यह देवी शक्ति हमें अपने जीवन में साहस और समर्पण की भावना पैदा करने की ताकत देती हैं।

(२) रोग निवारण – अगर आप इस चालीसा का पाठ प्रतिदिन करते हो, माँ दुर्गा भक्तों के रोग निवारण में मददगार होती है और भक्तों को स्वास्थ्य की रक्षा करती है।

(३) मानसिक शांति – यह चालीसा का पाठ करने से हमारे मानसिक स्थिति में सुधार होता है और हम तनाव और चिंता से मुक्ति प्राप्त करते हैं।

(४) कर्मफल की प्राप्ति – अगर आप जैसा कर्म करते हो वैसा फल प्राप्त करेंगे। यह चालीसा हमें कर्मफल की प्राप्ति में के लिए प्रोत्साहित करती है और हमें कर्मों को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।

 

Durga Chalisa Lyrics in Hindi

नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥

शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥

तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥

मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै ।जाको देख काल डर भाजै॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुँलोक में डंका बाजत॥

शुम्भ निशुम्भ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥

रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

परी गाढ़ सन्तन र जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥

अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नरनारी॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्ममरण ताकौ छुटि जाई॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

आशा तृष्णा निपट सतावें। मोह मदादिक सब बिनशावें॥

शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धिसिद्धि दै करहु निहाला॥

जब लगि जिऊँ दया फल पाऊँ । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊँ ॥

श्री दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥

देवीदास शरण निज जानी। कहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

दुर्गा चालीसा लिरिक्स हमने यहाँ पर हिंदी में, Durga Chalisa Lyrics in Hindi में दे रखे है। आप यह चालीसा का पाठ प्रतिदिन पढ़ सकते है। आप अपने समय पर यह चालीसा का पाठ पढ़ सकते है। आप इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन भी पढ़ सकते है। माँ दुर्गा चालीसा पीडीऍफ़ फाइल टेबल फॉर्मेट में दे रखी है। आप अपने डिवाइस में दुर्गा चालीसा इन हिंदी पीडीएफ फाइल को डाउनलोड कर सकते है। इस फाइल में दुर्गा चालीसा लिखा हुआ है। आप चाहे तो इसे ऑफलाइन पढ़ सकते है।

PDF NameDurga Chalisa PDF
No. Of Pages2
PDF Size112 KB
LanguageHindi

(१) दुर्गा चालीसा किसने लिखा है?

यह चालीसा भक्तों द्वारा माता दुर्गा की स्तुति में रची गई है और समय के साथ लोकप्रिय हुई। यह हिंदी भाषा में लिखी गई है और भक्तों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।

(२) दुर्गा चालीसा कैसे पढ़ा जाता है?

दुर्गा चालीसा पढ़ने के लिए नीचे दिए गए तरीके को अपनाएं:

(१) सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
(२) माता दुर्गा की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं।
(३) पूजा की शुरुआत गणेश वंदना और दुर्गा स्तुति से करें।
(४) पूरी श्रद्धा और सही उच्चारण के साथ दुर्गा चालीसा पढ़ें।
(५) पाठ समाप्त होने के बाद माता की आरती करें और प्रसाद बांटें।

(३) दुर्गा जी का पाठ हिंदी में कैसे करें?

हिंदी में दुर्गा पाठ करने के लिए शुद्ध उच्चारण और भावना जरूरी होती है। दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती, और दुर्गा अष्टक का पाठ हिंदी भाषा में आसानी से किया जा सकता है। इस लेख में दुर्गा चालीसा इन हिंदी में सामग्री प्राप्त की जा सकती है। अगर संभव हो तो किसी ज्ञानी व्यक्ति या पंडित से सही विधि सीखें।

(४) दुर्गा पाठ में पहले क्या पढ़ना चाहिए?

दुर्गा पाठ शुरू करने से पहले श्री गणेश वंदना करना शुभ होता है। इसके बाद दुर्गा कवच, अर्गला स्तोत्र, और कीलक स्तोत्र का पाठ करें। बाद में दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। अंत में दुर्गा जी की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।

(५) दुर्गा पाठ के क्या नियम हैं?

पाठ के दौरान मन को शांत और एकाग्र रखें। पाठ को श्रद्धा और भक्ति भाव से करें। सप्तशती पाठ में कुछ विशेष नियम होते हैं, जैसे इसे किसी पंडित के मार्गदर्शन में करना।