कामाख्या स्तोत्रम् | Kamakhya Devi Stotram Hindi & English PDF

कामाख्या देवी के स्तोत्र (Kamakhya Devi Stotram) का पाठ भक्तिभाव से किया जाए तो इस पाठ को करने से आत्मा को शांति, शक्ति, और मन को संतुलन करने में मददरूप होता है।  कामाख्या देवी, एक अदभुत देवी हैं जो भारतीय सनातन धर्म में मुख्य स्थान पर उसकी पूजा की जाती हैं। इस देवी को प्राकृतिक शक्ति, सृष्टि, और पुनर्जीवित की देवी से भी जाना जाता है। कामाख्या मंदिर असम में है, जहाँ पर लाखों भक्तों इस जगह पे जाते है और देवी का दर्शन का लाभ उठाते है।

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Kamakhya Stotram in Hindi

जय कामेशि चामुण्डे जय भूतापहारिणि।
जय सर्वगते देवि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

विश्वमूर्ते शुभे शुद्धे विरुपाक्षि त्रिलोचने।
भीमरुपे शिवे विद्ये कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

मालाजये जये जम्भे भूताक्षि क्षुभितेऽक्षये।
महामाये महेशानि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

कालि कराल विक्रान्ते कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

कालि कराल विक्रान्ते कामेश्वरि हरप्रिये।
सर्व्वशास्त्रसारभूते कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

कामरुप- प्रदीपे च नीलकूट- निवासिनि।
निशुम्भ- शुम्भमथनि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

कामाख्ये कामरुपस्थे कामेश्वरि हरिप्रिये।
कामनां देहि में नित्यं कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

वपानाढ्यवक्त्रे त्रिभुवनेश्वरि।
महिषासुरवधे देवि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

छागतुष्टे महाभीमे कामख्ये सुरवन्दिते।
जय कामप्रदे तुष्टे कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

भ्रष्टराज्यो यदा राजा नवम्यां नियतः शुचिः।
अष्टम्याच्च चतुदर्दश्यामुपवासी नरोत्तमः।।

संवत्सरेण लभते राज्यं निष्कण्टकं पुनः।
य इदं श्रृणुवादभक्त्या तव देवि समुदभवम्।।

सर्वपापविनिर्म्मुक्तः परं निर्वाणमृच्छति।
श्रीकामरुपेश्वरि भास्करप्रभे, प्रकाशिताम्भोजनिभायतानने।
सुरारि- रक्षः – स्तुतिपातनोत्सुके, त्रयीमये देवनुते नमामि।।

सितसिते रक्तपिशङ्गविग्रहे,
रुपाणि यस्याः प्रतिभान्ति तानि।
विकाररुपा च विकल्पितानि,
शुभाशुभानामपि तां नमामि।।

कामरुपसमुदभूते कामपीठावतंसके।
विश्वाधारे महामाये कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

अव्यक्त विग्रहे शान्ते सन्तते कामरुपिणि।
कालगम्ये परे शान्ते कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

या सुष्मुनान्तरालस्था चिन्त्यते ज्योतिरुपिणी।
प्रणतोऽस्मि परां वीरां कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

दंष्ट्राकरालवदने मुण्डमालोपशोभिते।
सर्व्वतः सर्वंव्गे देवि कामेश्वरि नमोस्तु ते।।

चामुण्डे च महाकालि कालि कपाल- हारिणी।
पाशहस्ते दण्डहस्ते कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

चामुण्डे कुलमालास्ये तीक्ष्णदंष्ट्र महाबले।
शवयानस्थिते देवि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।

।। इति श्री कामाख्या स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।

Kamakhya Devi Stotram

कामाख्या सहस्त्रनाम स्तोत्र –

कामाख्या सहस्त्रनाम स्तोत्र में देवी के हजार नामों की महिमा बताई गई है, जो भक्तों को उनकी अदभुत शक्तियों के बारे में महसूस कराती है।

कामाख्या कवच –

कामाख्या कवच स्तोत्र कामाख्या देवी की रक्षा के लिए पढ़ा जाता है यह स्तोत्र पढ़ने से भक्तों को सुरक्षा और साधना करने में मददरूप होती है

कामाख्या स्तुति –

कामाख्या स्तोत्र pdf में देवी की स्तुति का उल्लेख किया गया है इस स्तुति को पढ़ के भक्त उनके स्वरुप का स्मरण करते है और यह देखकर देवी उनके भक्तों पर कृपा बरसाते है।

Kamakhya Stotra Benefits in Hindi

असम मंदिर के गर्भगृह में कामाख्या देवी की योनि पीठ है जहाँ पर कामाख्या देवी के स्तोत्र का पाठ करते हो तो आपको आधात्मिक शांति का अहसास होता है। यह स्तोत्र का पाठ करने से आपको अपने जीवन में सफलता और समृद्धि की और ले जेने के लिए मददरूप होता है।

 आप मंदिर में इस स्तोत्र का उपयोग एक तांत्रिक विधि के लिए भी कर सकते हो। ऐसे तो यह स्तोत्र के पाठ करने से बहोत सारा लाभ मिलता है। यह हर व्यक्ति को अपने अपने कर्मो के अनुसार फल प्राप्ति होती है।

Kamakhya Stotram Meaning in English

Jai Kameshi Chamunde, Jai Bhutapharini.

Jai Sarvgate Devi Kameshwari Namostu Te.

Vishwamoorte Shubhe Shudhe Virupakshi Trilochane.

Bhimarupe Shive Vidye Kameshwari Namostu Te.

Malajaye jaaye jambhe bhutakshi kshubhiteyakshaye.

Mahamaye Maheshani Kameshwari Namostu Te.

Kali Karal Vikrante Kameshwari Namostu Te.

Kali Karal Vikrante Kameshwari Harpriya.

Namostu to Kameshwari, the essence of all scriptures.

Kamarupa- Pradeepe cha Neelkoot- Nivasini.

Nishumbha- Shumbhamathani Kameshwari Namostu Te.

Kamakhye Kamarupasthe Kameshwari Haripriya.

I pray to Kameshwari daily in the desires of my body.

Vapanadhyavaktre tribhuvaneshwari.

Mahishasurvadhe Devi Kameshwari Namostu Te.

Chagatushte Mahabhime Kamakhye Survandite.

Jai Kamprade Tushte Kameshwari Namostu Te.

Bhrastrarajyo yada raja navamya niyatah shuchih.

Ashtamyacha Chatudardashyamupvasi Narottamah.

The states enjoying Sanvatsaren are free from trouble again.

Ya Idam Shrunuvadbhaktya Tav Devi Samudbhavam.

Shrikamarupeshwari bhaskarprabhe, prakatambhojanibhayatanne.

Surārī-Rakṣaḥ – Stutipatānotsuke, Trayīmaye Devānute Namāmī.

Sitsite Raktapishangavigrahe,

Rupani Yasya: Pratibhanti Taani.

Vikarrupa Cha Vikalpitani,

Good wishes and good wishes.

Kamrup Samudbhute Kampeethavatanske.

Vishwadhare Mahamaye Kameshwari Namostu Te.

Avyakt Vigrahe Shante Santate Kamarupini.

Shante Kameshwari Namostu te beyond Kalgamye.

Or Sushmunantaralashtha Chintyate Jyotirupini.

Pranatosmi paran veeran kameshwari namostu te.

Danshtrakaralvadane mundamalopsobhite.

Sarvvath Sarvavge Devi Kameshwari Namostu Te.

Chamunde Cha Mahakali Kali Kapal- Harini.

Paashaste dandahaste kameshwari namostu te.

Chamunde Kulmalasye Tikshandanshtra Mahabale.

Namostu to Goddess Kameshwari at the funeral home.

।। Iti Shri Kamakhya Stotram Sampoornam ।।

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FAQ’s

कामाख्या देवी की पूजा करने से क्या होता है?

कामाख्या देवी की पूजा करने से मुख्य रूप से मानव जीवन का उद्धार, सुख-शांति, रोगों से मुक्ति, संतान प्राप्ति में मददरूप, कामना पूर्ण करने में आपको मदद मिल सकती है।

कामाख्या इतनी शक्तिशाली क्यों है?

इस देवी के मुख्य शक्तिपीठ की पूजा विभिन्न तांत्रिक रूप से किया जाता है इसीलिए कामाख्या देवी को शक्तिशाली माना जाता है।

कामाख्या देवी की पूजा कब करनी चाहिए?

मां कामाख्या की पूजा ज्यादातर नवरात्री, माघ मास, मंगलवार, अमावस और कामाख्या जयंती पर की जाती है। वैसे तो उनके भक्तों द्वारा हर रोज उसकी पूजा करते है।

कामाख्या मंदिर में किस चीज की अनुमति नहीं है?

कामाख्या मंदिर में पुरुषों की प्रवेश की अनुमति नहीं है। यह मंदिर मुख्यत्वे महिलाओं के लिए प्रख्यात है और इसे महाशक्ति पीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां मां कामाख्या निवास करती हैं और इसलिए पुरुषों को मुख्य मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।पुरुषों अपनी पूजा और सेवा मंदिर के बहार से ही कर सकते हैं। महिलाएं अपने मासिक धर्म के दौरान मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकतीं।

कामाख्या मंदिर में दर्शन करने में कितना समय लगता है?

कामाख्या मंदिर का दर्शन के लिए लंबी कतारों से बचने के लिए वीआईपी टिकट सुबह 6:00 बजे काउंटर से शुरू हो जाता हैं। मंदिर में दर्शन के लिए मूल्य INR 500/- प्रति व्यक्ति है। अगर आप वीआईपी टिकट के साथ दर्शन के लिए जाते हो तो आपको लगभग 1-2 घंटे दर्शन करने में लगते है। यदि आपके पास वीआईपी टिकट नहीं है तो आपको दर्शन करने में 3-5 घंटे लग सकते है।