Ganesh Chalisa Lyrics & PDF in Hindi | गणेश चालीसा

Complete Ganesh Chalisa lyrics and PDF in Hindi for Devotional

 

  • हिंदू धर्म के प्रमुख देवी-देवता में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता, संकटकटा हरने वाला और सर्वशक्तिमान के रूप में पूजा जाता है। उनकी आराधना और स्तुति का विशेष महत्व है जो भक्तों को सफलता और समृद्धि के मार्ग पर प्रेरित करता है। भगवान गणेश की एक प्रमुख पूजा का नाम है गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa lyrics and PDF in Hindi) जिसके माध्यम से उन्हें स्तुति किया जाता है। श्री गणेश चालीसा के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानेंगे और उनके सारे रहस्यों को समझने का प्रयास करेंगे।

 

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Ganesh Chalisa PDF   |   गणेश चालीसा के फायदे 

  • गणेश चालीसा इन हिंदी pdf  भगवान गणेश के गुणों, महिमा और उपास्य रूप को प्रकट करता है। यह चालीसा 40 श्लोकों से मिलकर बनी हुई है, जिसमें प्रत्येक श्लोक में गणेश के एक विशेष गुण का वर्णन किया गया है। गणेश चालीसा के जाप से भक्त के मन में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित हो जाती है और उनकी कृपा भक्त पर बनी रहती है।

 

 

प्रत्येक श्लोक का महत्व

गणेश चालीसा इन हिंदी के प्रत्येक श्लोक का विशेष महत्व है जो भक्तों को गणेश के भक्तिभाव, शक्ति, और विशेषता के प्रती कटिबद्ध करता है। नीचे कुछ प्रमुख श्लोकों का विवरण है:

  • जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
    गणेश चालीसा हिंदी में प्रारंभिक पंक्ति से हमें भगवान गणेश के समृद्ध संसार में प्रवेश करवा दिया जाता है। “जय गणेश” की उत्साहभरी गर्जना हमारे मन में नई ऊर्जा भर देती है और हमें विघ्नहीनता के मार्ग पर अग्रसर करती है। गणेश चालीसा के संदेश का यह पहला पद आरंभिक उत्थान के समान है जो हमें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • करि विघ्नहरि विनय सुनि कामदिवा
    यह पंक्ति हमें भगवान गणेश की विशेषता दिखाती है जिन्हें विघ्नहरि, यानी विघ्नों को हरने वाले, कहा गया है। गणेश विद्या, बुद्धि, और समृद्धि के प्रतीक हैं ।
  • तुम संकटरक्षक मंगलकर्ता
    श्री गणेश चालीसा की यह पंक्ति हमें भगवान गणेश के महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक कार्यों में उनके साथी होने का संकेत देती है। वे हमारे संकटों का रक्षक हैं और हमें सफलता के मार्ग पर प्रगति करने में मदद करते हैं। इस पंक्ति के जरिए, हम गणेश के साथ जुड़कर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहते हैं।
  • सोन उपद्रव चंद्र निभू कृपाकर्ता
    गणेश चालीसा की यह पंक्ति हमें भगवान गणेश की सुंदरता और आकर्षण का वर्णन करती है। उनके चंद्रनाभि और सोने के उपद्रव (जैसे कान की बाली, मुकुट) उनके दिव्य रूप की प्रशस्ति करते हैं। गणेश की कृपा भक्तों पर विशेष रूप से बरसती है, और उनके दर्शन से हम आनंद और शांति की अनुभूति करते हैं।
  • जय जय जय श्री गणराज विद्यासुखदाता
    गणेश चालीसा की इस पंक्ति में हम भगवान गणेश को “गणराज” और “विद्यासुखदाता” कहकर उनके महत्व का बखान करते हैं। गणेश विद्या के दाता हैं जो अपनी विद्यार्थियों को सफलता की प्राप्ति में संचारित करते हैं। वे गणों के राजा भी हैं जो हमें समृद्धि और समृद्ध समाज की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
  • महाबीरवनपति गणेश जगवन्दन
    गणेश चालीसा इन हिंदी की यह पंक्ति हमें भगवान गणेश के महाबीरवनपति रूप की स्तुति करती है, जो वे महावीर, यानी शक्तिशाली और शूरवीर हैं, जो समस्त दुष्टता और विपत्तियों का समानीकरण करते हैं। उनके जगवन्दन रूप के दर्शन से हम अपने स्वयं के सामर्थ्य पर विश्वास करते हैं और दुर्भाग्य का परिहार करते हैं।

Ganesh Chalisa PDF, lyrics in Hindi

 

॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥

॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥

॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥

 

 

गणेश चालीसा के जाप का महत्व

  • गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) का जाप भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति में स्थिरता प्रदान करता है और उन्हें विभिन्न कष्टों से मुक्ति दिलाता है। गणेश चालीसा के जाप से भक्त के मन में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित हो जाती है और उनकी कृपा भक्त पर बनी रहती है।

 

  • श्री गणेश चालीसा भगवान गणेश के विशेष भक्ति और प्रसन्नता के लिए एक शक्तिशाली श्रद्धा का प्रतीक है। इसमें गणेश के गुणों, विशेषताओं, और सर्वशक्तिमान स्वरूप का विवेचन है जो हमें सफलता, सुख, और समृद्धि के मार्ग पर प्रेरित करता है। गणेश चालीसा के जाप से हमारे मन की शांति होती है और हम अपने जीवन को सकारात्मकता और धार्मिकता के मार्ग पर चलते हैं। भगवान गणेश चालीसा इन हिंदी pdf का नियमित जाप करने से हम अपने कष्टों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और उनकी कृपा से हमें सभी परिस्थितियों में सफलता और आनंद का आनंद अनुभव करने में मदद मिलती है।

 

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