Ganesh Chalisa Lyrics & PDF in Hindi | श्री गणेश चालीसा

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa) हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश को समर्पित है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि के दाता, संकट हरने वाला और सर्वशक्तिमान के रूप में पूजा जाता है। उनकी भक्ति में इतनी शक्ति है जो भक्तों को सफलता और विघ्न विनाशक देवता है। भगवान गणेश की एक मुख्य पूजा की जाने वाली चालीसा का नाम गणेश चालीसा है। हम यहाँ पर गणेश चालीसा हिंदी में पढ़ेंगे। इसके अलावा गणेश चालीसा लिखित में पीडीऍफ़ फाइल नीचे दिए गए टेबल फॉर्मेट से आप डाउनलोड कर सकते है। इस पीडीऍफ़ को आप डाउनलोड करने के बाद आप गणेश चालीसा सुपरफास्ट पढ़ के सुन सकते है।

 

ganesh chalisa, ganesh chalisa lyrics, ganesh chalisa pdf, shri ganesh chalisa, ganesh chalisa lyrics in hindi, गणेश चालीसा, श्री गणेश चालीसा, गणेश चालीसा इन हिंदी pdf, गणेश चालीसा इन हिंदी, गणेश चालीसा हिंदी में, गणेश चालीसा lyrics, गणेश चालीसा के फायदे, गणेश चालीसा लिखित में

 

 दुनिया में गणेश जी का भक्तों का समुदाय बहुत ही बड़ा है। प्रतिदिन गणेश चालीसा पाठ करने के लिए लाखों लोग गणेश चालीसा इमेज इंटरनेट पे ढूढ़ते है। कई सारे भक्तों के पास समय की पाबंदी होती है, वह भक्तों गणेश चालीसा लिखित में pdf फाइल खोजते रहते है। आज-कल सब भक्तों को गणेश चालीसा फास्ट सुननी होती है। इस सब बाधाओं को ध्यान में रखते हुए हमने इस आर्टिकल में गणेश चालीसा लिरिक्स इन हिंदी में लिरिक्स पीडीऍफ़ के साथ दे रखा है। इस आर्टिकल में हम भगवान गणेश के बारे में गणेश चालीसा आरती, महत्त्व, फायदें सब पढ़ेंगे।

श्री गणेश चालीसा पाठ का महत्त्व

गणेश चालीसा प्रभु श्री गणेश की महिमा का उल्लेख करने वाला एक प्रभावशाली पुस्तक है। यह चालीसा 40 छंदों में भगवान गणेश के ज्ञान, शक्ति, भक्ति, और उनके भक्तों के प्रति करुणा का समर्पण करने वाला पुस्तक है। धार्मिक पुस्तकों में गणेश चालीसा आरती सहित, गणेश मंत्र पढ़ने और सुनने का विशेष महत्व बताया गया है।

गणेश चालीसा इन हिंदी के प्रत्येक श्लोक का विशेष महत्व है जो भक्तों को गणेश के भक्तिभाव, शक्ति, और विशेषता के प्रति तैयार करता है। नीचे कुछ प्रमुख श्लोकों की जानकारी दी गई है:

(१) जय गणपति सदगुण सदन
गणेश चालीसा लिरिक्स इन हिंदी में सबसे पहले आने वाली पंक्ति से हमें भगवान गणेश के प्रति समृद्ध संसार में प्रवेश होने की अनुभूति होती है। “जय गणपति” की उत्साहित लिरिक्स हमारे मन में नई ऊर्जा भर देती है और हमें विघ्न हरने वाले देव की भक्ति की शक्ति का मार्ग पर चलने को प्रेरित करती है। गणेश चालीसा के संदेश का यह पहला लिरिक्स प्रारंभिक स्थिति को प्राप्त करने के समान है जो हमें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। गणेश चालीसा आरती में जय देव जय देव लिरिक्स आरती के प्रारंभिक लिरिक्स भक्तों के मन को भक्तिभाव से उत्साहित कर देता है। भगवान गणेश की दूसरी मुख्य आरती जो बहुत ही प्रचलित है, वह अनुराधा पौडवाल जय गणेश देवा लिरिक्स के साथ शुरू होती है।

गणेश चालीसा के पाठ पढ़ने के कई सारे फायदे है, इनमें से कुछ इस तरह के लाभ है:

(१) विघ्नों का नाश:
भगवान गणेश को विघ्न हरने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। इसीलिए उनका दूसरा नाम विघ्नहर्ता है। गणेश चालीसा का नियमित पाठ जीवन के सभी प्रकार के विघ्न और मुश्किलों को दूर करने में मददरूप होता है।

(२) ज्ञान और बुद्धि का विकास:
भगवान गणेश को विद्या और बुद्धि का देवता माना जाता है। चालीसा का पाठ विद्यार्थियों और विद्या प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए अत्यंत लाभकारी है। प्रतिदिन विद्यार्थियों और भक्तों को इस चालीसा का पाठ पढ़ना चाहिए।

(३) कार्य में सफलता:
किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। गणेश चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता मिलती है।

(४) धन और समृद्धि:
भगवान गणेश को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। गणेश चालीसा आरती का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति और आर्थिक उन्नति होती है।

(५) आत्मिक शांति:
गणेश चालीसा लिरिक्स के प्रत्येक छंद में भगवान गणेश की महिमा का वर्णन है, जिससे मन को शांति और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है।

(६) भय और नकारात्मकता से मुक्ति:
गणेश चालीसा इन हिंदी लिरिक्स पढ़ने से व्यक्ति भय और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।

Ganesh Chalisa with Lyrics in Hindi

 

॥ दोहा ॥
जय गणपति सदगुण सदन,
कविवर बदन कृपाल ।
विघ्न हरण मंगल करण,
जय जय गिरिजालाल ॥

॥ चौपाई ॥
जय जय जय गणपति गणराजू ।
मंगल भरण करण शुभः काजू ॥

जै गजबदन सदन सुखदाता ।
विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥

वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना ।
तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥

राजत मणि मुक्तन उर माला ।
स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥

पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं ।
मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥

सुन्दर पीताम्बर तन साजित ।
चरण पादुका मुनि मन राजित ॥

धनि शिव सुवन षडानन भ्राता ।
गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥

ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे ।
मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥

कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी ।
अति शुची पावन मंगलकारी ॥

एक समय गिरिराज कुमारी ।
पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥ 10 ॥

भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा ।
तब पहुंच्यो तुम धरी द्विज रूपा ॥

अतिथि जानी के गौरी सुखारी ।
बहुविधि सेवा करी तुम्हारी ॥

अति प्रसन्न हवै तुम वर दीन्हा ।
मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा ॥

मिलहि पुत्र तुहि, बुद्धि विशाला ।
बिना गर्भ धारण यहि काला ॥

गणनायक गुण ज्ञान निधाना ।
पूजित प्रथम रूप भगवाना ॥

अस कही अन्तर्धान रूप हवै ।
पालना पर बालक स्वरूप हवै ॥

बनि शिशु रुदन जबहिं तुम ठाना ।
लखि मुख सुख नहिं गौरी समाना ॥

सकल मगन, सुखमंगल गावहिं ।
नाभ ते सुरन, सुमन वर्षावहिं ॥

शम्भु, उमा, बहुदान लुटावहिं ।
सुर मुनिजन, सुत देखन आवहिं ॥

लखि अति आनन्द मंगल साजा ।
देखन भी आये शनि राजा ॥ 20 ॥

निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं ।
बालक, देखन चाहत नाहीं ॥

गिरिजा कछु मन भेद बढायो ।
उत्सव मोर, न शनि तुही भायो ॥

कहत लगे शनि, मन सकुचाई ।
का करिहौ, शिशु मोहि दिखाई ॥

नहिं विश्वास, उमा उर भयऊ ।
शनि सों बालक देखन कहयऊ ॥

पदतहिं शनि दृग कोण प्रकाशा ।
बालक सिर उड़ि गयो अकाशा ॥

गिरिजा गिरी विकल हवै धरणी ।
सो दुःख दशा गयो नहीं वरणी ॥

हाहाकार मच्यौ कैलाशा ।
शनि कीन्हों लखि सुत को नाशा ॥

तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधायो ।
काटी चक्र सो गज सिर लाये ॥

बालक के धड़ ऊपर धारयो ।
प्राण मन्त्र पढ़ि शंकर डारयो ॥

नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे ।
प्रथम पूज्य बुद्धि निधि, वर दीन्हे ॥ 30 ॥

बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा ।
पृथ्वी कर प्रदक्षिणा लीन्हा ॥

चले षडानन, भरमि भुलाई ।
रचे बैठ तुम बुद्धि उपाई ॥

चरण मातु-पितु के धर लीन्हें ।
तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें ॥

धनि गणेश कही शिव हिये हरषे ।
नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे ॥

तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई ।
शेष सहसमुख सके न गाई ॥

मैं मतिहीन मलीन दुखारी ।
करहूं कौन विधि विनय तुम्हारी ॥

भजत रामसुन्दर प्रभुदासा ।
जग प्रयाग, ककरा, दुर्वासा ॥

अब प्रभु दया दीना पर कीजै ।
अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै ॥ 38 ॥

॥ दोहा ॥
श्री गणेश यह चालीसा,
पाठ करै कर ध्यान ।
नित नव मंगल गृह बसै,
लहे जगत सन्मान ॥

सम्बन्ध अपने सहस्त्र दश,
ऋषि पंचमी दिनेश ।
पूरण चालीसा भयो,
मंगल मूर्ती गणेश ॥

 

यहाँ पर आपने गणेश चालीसा लिरिक्स इन हिंदी में पढ़े। अब आप गणेश चालीसा लिखित में हिंदी PDF फाइल को डाउनलोड करना चाहते हो, हमने नीचे टेबल में विस्तृत जानकारी दी है। गणेश जी की लिखित में चालीसा प्रतिदिन पढ़ने के लिए आपको यह फाइल एक बार अपने कंप्यूटर या मोबाइल में डाउनलोड करनी रहेगी।

To read the Shree Ganesh Chalisa superfast every day, download the Ganesh Chalisa PDF from the table below:

DetailsInformation
PDF NAMEGanesh Chalisa PDF
No. Of Pages4
PDF Size107 KB
LanguageHindi

गणेश के पास कौन सी शक्तियां हैं?

भगवान गणेश के पास विघ्न हरने की शक्ति, बुद्धि और ज्ञान का वरदान देने की शक्ति, स्मरण शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, समृद्धि और धन का आशीर्वाद देने की शक्ति, धैर्य और साहस का प्राप्त करना, भक्तों की रक्षा करना, सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी, दृढ़ता और संतुलन बनाये रखना और भक्तों का आध्यात्मिक विकास करने जैसी शक्तियां है।

गणेश चालीसा का पाठ कब और कैसे करें?

गणेश चालीसा आरती सहित पढ़ें के लिए आप नीचे दिए गए विशेषताओं को ध्यान में रखे:

(१) प्रातःकाल या संध्या समय गणेश चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
(२) श्री गणेश चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
(३) भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
(४) श्रद्धा और विश्वास के साथ चालीसा का पाठ करें।
(५) गणेश चालीसा आरती का पाठ करें।

भगवान गणेश हमारी मदद कैसे करते हैं?

भगवान गणेश हमारे जीवन में आनेवाले सारे विघ्न को हरते है। इसीलिए किसी भी शुभ कार्य करने से पहले हम गणेश जी की प्रार्थना करते है।

गणेश जी का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?

गणेश जी के कई सारे मंत्र है, जिसमें शक्तिशाली मंत्र कुछ इस तरह से है:

(१) गणपति मंत्र: ॐ गण गणपतये नमः
(२) गणेश गायत्री मंत्र: ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दन्ति प्रचोदयात्।।
(३) विघ्नहर्ता मंत्र: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
(४) गणेश बीज मंत्र: ॐ गं गणपतये नमः
(५) शक्तिशाली गणेश मंत्र: गजाननं भूतगणादि सेवितं कपित्थ जम्बूफल चारुभक्षणम्। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वर पादपङ्कजम्।।

गणेश जी को जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

भगवान गणेश को आप जल चढ़ाते समय “ॐ गं गणपतये नमः” यह मंत्र बोलना चाहिए।