Shri Ram Stuti Lyrics PDF in Hindi: श्री राम स्तुति

श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) एक ऐसा महत्वपूर्ण स्तुति है जो भगवान राम की महिमा और गुणों की सराहना करती है। भगवान राम, हिन्दू धर्म के महान देवता हैं, और उनकी महिमा का गुणगान और यह स्तुति कई प्राचीन स्तोत्रों में की गई है।  हम जानेंगे कि श्री राम स्तुति अर्थ सहित का महत्व क्या है और इसके पढ़ाई के क्या लाभ होते हैं।

 

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श्री राम स्तुति का महत्व 

Importance of Shri Ram Stuti Lyrics PDF in Hindi

 

भगवान राम की महिमा – यह स्तुति भगवान राम की महिमा का गुणगान करती है और उनके अद्वितीय गुणों की सराहना करती है। यह भक्तों के लिए एक मानसिक और आध्यात्मिक आदर्श होता है जो भगवान के चरणों में अपने मन को समर्पित करना चाहते हैं।

आशीर्वाद – यह स्तुति के पाठ का आधार होता है भगवान राम के आशीर्वाद को प्राप्त करने का। यह उनके भक्तों को ध्यान, श्रद्धा, और समृद्धि की ओर प्रवृत्त कर सकता है।

आध्यात्मिक विकास – यह स्तुति का पाठ व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम हो सकता है। यह उनके मानसिक शांति, आत्मा की सुख-शांति, और दिव्यता की ओर प्रवृत्त कर सकता है।

आदर्श जीवन – यह स्तुति भगवान राम के आदर्श जीवन को प्रमोट करती है। यह उनके भक्तों को धार्मिक और उदात्त जीवन जीने के लिए प्रेरित कर सकता है।

आंतरिक शांति – यह स्तुति के पाठ का जाप करने से मानसिक शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। यह आत्मा को शांति की ओर प्रवृत्त करता है।

 

Shri Ram Stuti Lyrics in Hindi

श्री राम स्तुति लिरिक्स इन हिंदी

 

॥दोहा॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कन्जारुणम् ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।

इसे गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है 

 

श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) भगवान राम की महिमा और गुणों की सराहना करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है और यह व्यक्ति को दिव्य आशीर्वाद और सुख की प्राप्ति में मदद कर सकता है। इसे भगवान के प्रति व्यक्ति की भक्ति और समर्पण का अभिव्यक्ति के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह एक अद्वितीय माध्यम होता है जो भगवान के दिव्यता को अनुभव करने में मदद करता है।

 

Shri Ram Stuti Lyrics in English

Shri Ramachandra Kripalu Bhajman Harana Bhava Bhaya Darunam
Nava-kanja-lochana Kanja-mukha Kara-kanja Pada-kanjarunam

Kandarpa Aganita Amita Chavi Nava Nila Nirada Sundaram
Pata Pita Manahu Tadita Ruchi Shuchi Naumi Janaka Suta Varam

Bhaja Dina Bandhu Dinesha Danava Daitya Vansha Nikandanam
Raghu Nanda Ananda Kanda Kosala Chanda Dasharatha Nandanam

Shira Mukuta Kundala Tilaka Charu Udara Anga Vibhushanam
Ajanu-bhuja Shara Chapa Dhara Sangrama Jita Khara Dushanam

Iti Vadati Tulasidasa Shankara Shesha Muni Mana Ranjanam
Mama Hrdaya Kanja Nivasa Kuru Kamadi Khaladala Ganjanam

 

Worship recited prominently in the lessons of Shri Ram Navami, Vijay Dashami, Sunderkand, Ramcharitmanas Katha, Shri Hanuman Janmotsav and Akhand Ramayana.

Shri Ram Stuti and Shri Ramachandra Kripalu stand as a timeless testament to the devotion of millions towards Lord Rama.

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