- विष्णु आरती एक ऐसा प्राचीन आध्यात्मिक रीति-रिवाज है जो भक्तों के दिलों में अद्भुत उत्साह और आनंद उत्पन्न करती है। भारतीय संस्कृति में Om Jai Jagdish Hare Aarti भक्ति का महत्व अविरल रहा है और भगवान विष्णु (Vishnu ji ki aarti) के आराधना भाव में विशेष आदर्श है। विष्णु आरती के रहस्यमयी विश्व को विस्तार से देखेंगे और इस महान आचार की महत्वपूर्णता और अनूठी शक्ति का पता लगाएंगे।
Om Jai Jagdish Hare Aarti: परिचय और महत्व
- भगवान विष्णु को समर्पित एक प्रकार की पूजा-अर्चना है जिसमें विशेष मानसिक समर्पण और भक्ति व्यक्त की जाती है। इस आरती का पाठ भगवान विष्णु की स्तुति करने और उनसे दिव्य आशीर्वाद मांगने का एक आदर्श रूप है। विष्णु आरती एक प्रसिद्ध धार्मिक आचार है जिसे लाखों भक्तों द्वारा प्रतिदिन पाठ किया जाता है।
विष्णु आरती के पाठ का महत्व
Benefits of Vishnu Ji Ki Aarti lyrics
- विष्णु आरती (Om Jai Jagdish Hare Aarti, Vishnu ji ki Aarti) का पाठ करने से व्यक्ति को अनेक धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं। इसके अभियान के तहत व्यक्ति का मन शांत होता है और वह भगवान विष्णु के दिव्य चरणों में अपनी पूर्ण समर्पण की भावना का अनुभव करता है।
- दिव्य आशीर्वाद – इस का नियमित पाठ भगवान विष्णु के दिव्य आशीर्वाद को आमंत्रित करता है। इसे पढ़ने से भगवान विष्णु अपने भक्तों को अपने अनंत कृपा से आभूषित करते हैं और उनकी समस्त व्यथाओं को हल करते हैं।
- आंतरिक शांति – इसके पाठ से व्यक्ति का मन शांत, धीर, और स्थिर होता है। इससे व्यक्ति के आंतरिक तनाव, चिंताएं और संशय समाप्त होते हैं और वह आंतरिक शांति का अनुभव करता है।
- भय और नकारात्मकता का नाश – इस के पाठ से भय और नकारात्मकता का नाश होता है। इसके पाठ से व्यक्ति को समस्त भय और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है और वह जीवन में आत्मविश्वास के साथ काम कर सकता है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति – इस के पाठ से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। इसके पाठ से व्यक्ति की धार्मिक और मानसिक संवृद्धि होती है और वह जीवन में सच्चे और नेक कार्यों में लग जाता है।
- समृद्धि का साधन – इसके पाठ से व्यक्ति को समृद्धि के मार्ग पर चलने का साधन मिलता है। इसके पाठ से व्यक्ति का व्यावसायिक एवं आर्थिक विकास होता है और उसे आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Om Jai Jagdish Hare Aarti Lyrics
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, ॐ जय जगदीश हरे
जो ध्यावे फल पावे, दुःखबिन से मन का
स्वामी दुःखबिन से मन का, सुख सम्पति घर आवे
सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का
ॐ जय जगदीश हरे
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी
तुम बिन और न दूजा, तुम बिन और न दूजा
आस करूं मैं जिसकी, ॐ जय जगदीश हरे
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम अन्तर्यामी
पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर
तुम सब के स्वामी, ॐ जय जगदीश हरे
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, स्वामी तुम पालनकर्ता
मैं मूरख फलकामी, मैं सेवक तुम स्वामी
कृपा करो भर्ता, ॐ जय जगदीश हरे
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति
किस विधि मिलूं दयामय, किस विधि मिलूं दयामय
तुमको मैं कुमति, ॐ जय जगदीश हरे
दीन-बन्धु दुःख-हर्ता, ठाकुर तुम मेरे, स्वामी रक्षक तुम मेरे
अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ
द्वार पड़ा तेरे, ॐ जय जगदीश हरे
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वामी पाप हरो देवा
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
सन्तन की सेवा, ॐ जय जगदीश हरे
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे, ॐ जय जगदीश हरे
- विष्णु भगवान की आरती pdf (Om Jai Jagdish Hare Aarti with lyrics) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आचार है, जिसे भगवान विष्णु की भक्ति और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन किया जाता है। विष्णु आरती के पाठ से व्यक्ति को आंतरिक शांति, दिव्य आशीर्वाद, और आध्यात्मिक उन्नति होती है। इस महान आचार की शक्ति को व्यक्ति के जीवन में अपनाकर उसे आध्यात्मिक समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
- विष्णु आरती एक पवित्र आचार है, इसे श्रद्धा और भक्ति से पढ़ना चाहिए।
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